यह वारदात है जोधपुर के उम्मेद अस्पताल का, जहाँ पर चिकित्सक के आपसी झगडे की वजह सेनवजात शिशु की मौत हो गयी | वारदात के {मुताबिक|अनुसार}, रातानाडा की रहने वाली अनीता मंगलवार सुबह डिलीवरी के लिए उम्मेद {हॉस्पिटल|अस्पताल} आईं। उन्हें पहले लेबर रूम ले जाया गया, जहां डॉ. इंद्रा भाटी ने उन्हें चेक किया तो पेट में बच्चे की धड़कन धीमी पाई।
- इस पर अनीता को तुरंत सिजेरियन डिलिवरी के लिए ऑपरेशन थिएटर (OT) में भेजा गया। गर्भवती और बच्चे की जान बचाने के लिए तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी था। ऑपरेशन थिएटर में एक टेबल पर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अशोक नैनीवाल एक दूसरी महिला का ऑपरेशन कर रहे थे।
- अनीता को दूसरी टेबल पर लाया गया। यहां एनेस्थिसिस्ट और ओटी इंचार्ज डॉ. एमएल टाक बच्चे की धड़कन जांचने के लिए दूसरे डॉक्टर से कह रहे थे। इसी दौरान डॉ. अशोक भड़क गए और डॉ. टाक पर जोर-जोर से चिल्लाने लगे।
- इस पर डॉ. टाक भी अनीता को {छोड़कर|छोड़} डॉ. अशोक के सामने आ गए। दोनों के बीच तू-तू-मैं-मैं शुरू हो गई। वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने दोनों डॉक्टर्स को समझाने की बहुत {कोशिश|मशकत} की, पर वे नहीं रुके। बाद में अनिता के सिजेरियन से हुई नवजात {बच्ची|शिशु} ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया।
- {हॉस्पिटल|अस्पताल} के प्रिंसिपल एएल भट्ट के {मुताबिक|अनुसार}, दोनों डॉक्टरों को हटा दिया गया है और उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
स्टाफ मेंबर ने बनाया वीडियो
- ऑपरेशन थिएटर में ही किसी स्टाफ मेंबर ने मोबाइल से {घटना|वारदात} का वीडियो भी बना लिया। इस वीडियो के वायरल होते ही {अफरातफरी मच गई |हडकंप मच गया} । मामला सामने आया तो राज्य सरकार के आदेश पर डॉ. अशोक नैनीवाल को एपीओ कर दिया गया, जबकि. डॉ. टाक पर एक्शन के लिए कार्मिक विभाग (personnel department) में फाइल भेजी गई है।
घरवाले बोले- डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चा {मृत|मरा} पैदा हुआ. अनीता की ननद सुनीता ने कहा कि ऑपरेशन के बाद बच्चा मरा हुआ ही पैदा हुआ। हमें डॉक्टर्स ने {बताया|कहा} कि जच्चा द्वारा कचरे वाले पानी को पीने से ये कचरा बच्चे के अंदर पहुंच गया, इसी {कारण|वजह} से {बच्चा|शिशु} मरा हुआ पैदा हुआ।