सोशल मीडिया पर सरकार को नीचा दिखाने के लिए बोला गया झूठ हुआ बेनक़ाब, श्रेष्ठा सिंह के तबादले की असली वजह आई सामने!
अभी कुछ दिनों पहले आई एक खबर के मुताबिक बुलंदशहर की सीओ श्रेष्ठा ने ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले एक भाजपा नेता को जमकर लताड़ लगायी थी, और अब इस मामले से जुड़ी एक खबर के मुताबिक श्रेष्ठा सिंह को उनके इस कदम की वजह से भाजपा सरकार ने उनका तबादला कर दिया है लेकिन अब श्रेष्ठा सिंह के तबादले की असल वजह सामने आ गयी है| इस वजह के सामने आते ही ये भी सफा हो गया है कि दरअसल ये सारा प्रोपागेंडा सिर्फ और सिर्फ सरकार को नीचा दिखाने के लिए रचा गया था और कुछ नहीं|
वाकया उस वक़्त का था जब रौब में एक बीजेपी नेता ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर दिया जिसके चलते उनपर ट्राफिक पुलिस ने चालान काट दिया, लेकिन भला नेता जी को चालान देना पड़े ऐसा कैसे हो सकता है? बस फिर क्या था चालान की टिकट देखते ही मानो नेता जी आपा खो बैठे|
नेताजी के सर पर गलती के बावजूद ऐसा रुतबा चढ़ा जिसे उतारने फिर वहां महिला सीओ श्रेष्ठा को ही आना पड़ा|
हर वक़्त केंद्र सरकार पर निशाना साधने वाली विपक्ष को इस मामले से मानो ब्रह्मास्त्र ही मिल गया हो| सीओ श्रेष्ठा सिंह के तबादले की खबर मिलना ही था कि ये झूठी खबर सोशल मीडिया पर फैला दी गयी कि श्रेष्ठा सिंह बीजेपी के नेता के साथ भिड़ीं थी जिसके चलते योगी सरकार ने उनका तबादला कर दिया था लेकिन क्या ये वाकई में सच है? तो हम आपको बता दें कि नहीं दरअसल ये महज़ सरकार को नीचा दिखाने की एक चाल है|
श्रेष्ठा सिंह के तबादले की असल वजह कोई रंजिश नहीं बल्कि रूटीन ट्रान्सफर के तहत श्रेष्ठा सिंह का तबादला किया गया है| यहाँ हम आपको ये भी बताते चलें कि इस रूटीन ट्रान्सफर में सिर्फ श्रेष्ठा सिंह का ही नहीं बल्कि कई अन्य अधिकारीयों का भी तबादला किया है, लेकिन भाजपा नेता के साथ उनकी भिडंत एक ताज़ा मुद्दा है जिसे निशाना बनाकर विपक्ष अपनी ही गन्दी राजनीति की रोटी सेंकने में लग गए|