हौंसला और मेहनत किसी की भी कामयाबी का बड़ा हिस्सा हुआ करते हैं। लेकिन इसके बाद भी कामयाबी को पाना बहुत बड़ी चुनौती होती है। जो इसका सामना करते हैं वह कामयाबी की मंजिल को पा लेते हैं। इसी चुनौती का सामना चेन्नई की प्रिथिका यशिनी को भी करना पड़ा। लेकिन उन्होंने न सिर्फ इसका सामना किया बल्कि इसमें जीत भी हासिल की। याशिनी ने लंबे संघर्ष और कड़ी मेहनत के बाद रविवार को बतौर सब-इंस्पेक्टर अपना पदभार ग्रहण कर लिया।
31 march 2017 को जब वह पासिंग आउट परेट के बाद अंतिम पग पार कर देश की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस अधिकारी बनीं थीं, तो यह दिन याशिनी के लिए बेहद खास था। खास सिर्फ इसलिए नहीं कि वह इस कामयाबी को पाने में सफल हुईं, बल्कि खास इसलिए भी था क्योंकि वह अपने जैसे हजारों लोगों की जीत और उनकी उम्मीद की एक पहचान बन गई थी जो अपनी इस समस्या के बाद समाज से बहिष्कृत महसूस करते हैं। ऐसे लोगों के लिए याशिनी आज एक मिसाल हैं।