पिछले 27 सालों से अपने देश में ही रिफ्यूजी के तौर पर रह रहे कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने के लिए अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता अनुपम खेर ने गुरुवार को कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा का वर्णन करते हुए हृदय विदारक कविता वीडियो के जरिए शेयर किया है। ये कश्मीरी पंडित 1990 से शरणार्थियों के तौर पर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। कश्मीरी पंडित समुदाय के दर्द और उनकी चुप्पी के पीछे छिपी चीख को बयां करते हुए अनुपम खेर ने अपनी कविता में उस एक दिन की चेतावनी दी है कि जब यह चुप्पी तेज आवाज में बदल जाएगी। 61 वर्षीय अभिनेता अनुपम खेर कश्मीरी पंडित समुदाय से संबंध रखते हैं।