न जाने कितनी किताबें पढ़ डाली न जाने कितने महापुरुषों के विचारों को सुन लिया और दुनिया के सभी धर्म ग्रंथों में भी खोज लिया पर ये नहीं जान सका के जीवन क्या है. सबकी अपनी अपनी परिभाषाएं हैं और अपने अपने निष्कर्ष हैं.
कोई कहता है प्रभु ने हम सबको किसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए इस पृथ्वी पर भेजा है, कोई कहता है जो हम हैं हमारे पूर्व जन्मों का परिणाम है और कोई कहता है के जीवन एक घटना या प्रक्रिया है जिसका कोई भी अर्थ नहीं है.