500-100 रुपये की नोटबंदी के कई आर्थिक-सामाजिक पहलू हैं। ज्यादातर खबरों में लोगों का गुस्सा और नाराज़गी झलकती है लेकिन महाराष्ट्र के अकोला से एक ऐसी ख़बर है जिसके मायने सामाजिकता के ताने-बाने को और मज़बूत बनाते हैं। नोटबंदी के फैसले से सब परेशान हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी सफर कर रहे यात्रियों को हो रही है, जिनके पास पैसे तो हैं लेकिन उनकी अहमियत कागज़ से ज्यादा नहीं। राहगीरों की परेशानी देखते हुए महाराष्ट्र में अकोला के नेशनल हाइवे 6 पर एक ढाबे के मलिक ने सफर कर रहे सभी मुसाफिरों से बाकायदा बोर्ड लगाकर कह दिया है, पैसे नहीं हैं फिर भी खाना खाएं, लौटते वक्त अगर हो तो पैसे चुका कर जाएं।