पक्ष-विपक्षः तीन तलाक पर सियासी संग्राम

2016-11-08 3

केंद्र सरकार ने 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में शपथ-पत्र दाखिल कर तीन तलाक और बहुविवाह को असंवैधानिक बताया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि इन प्रथाओं महिलाओं की समानता और सम्मान को ठेस पहुंचती हैं। केंद्र सरकार हालांकि तीन तलाक पर अपने रुख को समान नागरिक संहिता से जोड़ने से बच रही है। सरकारी हलफनामे में कहा गया था कि लैंगिक समानता और महिलाओं के सम्मान के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। व्यापक संवैधानिक मूल्यों के साथ भी कोई समझौता नहीं किया जा सकता। आज भी उस मुद्दे पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं की अलग-अलग राय है। बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि इस मुद्दे पर सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए क्योंकि ये महिलाओं की बराबरी का सवाल है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी का कहना है कि ये धर्म का मामला है इसमें कोर्ट या सरकार को दखल नहीं देना चाहिए।

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