‪‎Aniruddha Bapu‬ ‪Hindi‬ Discourse 12 Jan 2006 - अन्त प्रकाश भाग - १ (The Inner Light Part - 1)

2015-08-04 9

‘दिव्यत्व’ यह प्रकाशदायी तत्त्व है। सिर्फ बाह्य लोक में ही नहीं, बल्कि मानव के अन्दर भी यह दिव्यत्व रहता है। मानव के भीतर रहनेवाला अन्त:प्रकाश यानी विवेक यह भगवान के द्वारा मानव के अंदर प्रकाशित किया गया दिव्यत्व है, जिसके जरिये वह भगवान के साथ जुडा रह सकता है। भगवान के द्वारा जलायी गयी इस ज्योति को यानी इस दिव्यता को सॅंभालकर रखना यह मानव का पुरुषार्थ है। मानव के इस अन्त:प्रकाश के बारे में परमपूज्य सद्गुरू श्री अनिरुद्ध बापूनें ने अपने १२ जनवरी २००६ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
(The Inner Light Part - 1 - AniruddhaBapu‬ ‪Hindi‬ Discourse 12 Jan 2006)

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